हरिद्वार में फर्जी दवा कंपनियों पर शिकंजा, डीएम ने दिए सख्त आदेश!
हरिद्वार: जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह ने साइकोट्रोपिक्स और नारकोटिक्स दवाइयों के उत्पादन से जुड़ी कंपनियों के सत्यापन और जांच के लिए सख्त आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार को फार्मा उद्योग में बदनाम नहीं होने दिया जाएगा और फर्जी कंपनियों और गोदामों के खिलाफ तेजी से अभियान चलाया जाएगा।
बैठक के मुख्य अंश:
- डीएम ने सीओ सदर, सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर और महाप्रबंधक उद्योग की तीन सदस्यीय टीम का गठन किया, जो सभी संबंधित कंपनियों की जांच करेगी।
- सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा।
- कंपनियों को अपने खरीद आदेश पुलिस विभाग के साथ साझा करने के निर्देश दिए गए।
- ड्रग्स का डायवर्जन न हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा।
- निर्धारित कोटे और क्षमता से अधिक किसी भी कंपनी को साइकोट्रोपिक्स और नारकोटिक्स उत्पादों की आपूर्ति नहीं की जाएगी।
- फर्जी खरीद-फरोख्त किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी का सख्त रुख:
जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि दवा उद्योग में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए ताकि हरिद्वार की छवि को बचाया जा सके।
उपस्थित अधिकारी:
- अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह
- अपर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र चौधरी
- सीओ अविनाश वर्मा
- इंस्पेक्टर विजय सिंह
- ड्रग्स इंस्पेक्टर अनीता
जिला प्रशासन ने जनता से भी अपील की है कि यदि उन्हें किसी फर्जी दवा कंपनी या गोदाम के बारे में जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत प्रशासन को सूचित करें।