आपदा प्रबन्धन उपाध्यक्ष ने मानसून एवं आपदा से सम्बन्धित की अधिकारियो से बैठक।

राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकारण के उपाध्यक्ष विनय रूहेला ने जनपद में चल ही मानसून एवं आपदा से सम्बन्धित तैयारियों की जिला कार्यालय सभागार में समीक्षा की। समीक्षा से पूर्व उन्होंने पर्यावरण संरक्षण एवं पेड़-पौंधों के महत्व का संदेश देते हुए जिला कार्यालय परिसर में वृक्षारोपण किया।
बैठक में रूहेला ने निर्देशित करते हुए कहा कि जनहित में ऐंसे कार्य किये जायें कि कम से कम संसाधनों से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो। उन्होंने आपदा से सम्बन्धित कार्यों को पूरी ईमानदारी, निष्ठा, तन्मयता एवं मन की गहराई से करने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में जल भराव की सम्भावित स्थिति का साइंटिफिक समाधान हो। उन्होंने सिंचाई विभाग के अभियन्ताओं की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिये कि विभिन्न क्षेत्रों का आंकलन, विरूपण सही व व्यावहारिक होना चाहिए। उन्होंने सिंचाई विभाग के कार्यों की एडीएम एफआर से जांच कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मौषम विभाग द्वारा 28 प्रतिशत अधिक बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई है। उन्होंने वर्षाकाल के दौरान सभी अधिकारियों विशेषकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को पूर्णतः सतर्क रहने के निर्देश दिये। उन्होंने हरिद्वार जनपद में बाढ़ नियंत्रण कायों से सम्बन्धित समस्त सूचनाओं सहित विस्तृत डिटेल के साथ प्राधिकरण में उपलब्ध होने के निर्देश दिये।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि सड़के गड्डामुक्त हों, निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने गड्डामुक्त की गई कम से कम 25 सड़कों का स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ स्थलीय निरीक्षण करने, रोड की वर्तमान स्थिति का स्वंय आंकलन करने तथा निरीक्षण के फोटो एवं वीडियोग्राफ जिलाधिकारी के साथ साझा करने के निर्देश अधिशासी अभियन्ता लोनिवि को दिये। उन्होंने ने सवाल करते हुए कहा कि जब सड़क निर्माण हेतु परिस्थितियां अनुकूल व गुणवत्तायुक्त मटेरियल का उपयोग किया जाता है तो समय से पहले सड़के खराब कैसे हो जाती हैं, उन्होंने निर्माण सामग्री की अधिक से अधिक सैम्पलिंग कराने के निर्देश दिये।
उन्होंने वन विभाग की समीक्षा के दौरान राजा जी नेशनल पार्क के वार्डन को विभिन्न विकास कार्यों से सम्बन्धित लम्बित एनओसी विशेषकर हिल बायपा, श्रीयंत्र मन्दिर के पास बैरागी कैम्प में रोड निर्माण अनुमति की विस्तृत जानकारी सहित जिलाधिकारी से 15 दिन के भीतर मिलने के स्पष्ट निर्देश दिये। उन्होंने मनसा देवी पास चैक डेम के साथ ही शहर के सभी बड़े नालों की तली तोड़ सफाई कराने कराने के निर्देश नगर निगम के अधिकारियों को दिये।
उन्होंने विद्युत विभाग निर्देश दिये कि जनपद में करन्ट लगने की अप्रिय घटना न हो,इसके लिए सभी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाये। उन्होंने जनपद में डूबने के बढ़ रहे प्रकरणों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए आपदा मद से एक राफ्ट पुलिस विभाग को उपलब्ध कराने तथा दुर्घटना संभावित घाटों पर सूचना पट चस्पा करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा करते हुए 15 दिन के बाद प्रस्तावित बैठक में की गई कार्यवाही, पूर्ण तैयारियों के साथ सक्षम अधिकारियों को उपस्थित होने के निर्देश दिये। उन्होंने चिकित्सा विभाग की समीक्षा के दौरान गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने तथा सर्प दंश के उपचार हेतु पर्यापत मात्रा में एन्टीडोट की व्यवस्था रखने के निर्देश चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को दिये।
जिलाधिकारी ने सर्प दंश से होने वाली मृत्यु को आपदा में शामिल करते हुए आपदा में मृत व्यक्तियों की भांति मुआवजा राशि की व्यवस्था करने तथा सभी प्रकार के अग्निकाण्ड को आपदा में शामिल करने का सुझाा दिया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अच्छे कार्य कर रहे हैं तो प्रमाणिकता भी दिखाई देनी चाहिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को मार्गदर्शित करते हुए कहा कि दफतरों तक सीमित न रहे बल्कि अपने-अपने कार्यक्षेत्रों का भी भ्रमण करते रहें। मौजूद रहे आशुतोष शर्मा जिलाध्यक्ष भाजपा, संदीप गोयल पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा, आशु चौधरी जिला महामंत्री भाजपा, जयभगवान सैनी, डॉ विशाल गर्ग, लव शर्मा, वासु पाराशर, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, डीडीओ वेद प्रकाश, डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह, सीईओ केके गुप्ता, आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, ईई पीडब्ल्यूडी दीपक कुमार,ईई यूपीसीएल दीपक सैनी, सहित अन्य अधिकारी एव जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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