किन शहरों को मिलेगा इलेक्ट्रिक बसों का लाभ, क्या है सरकार की योजना
बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर सिटी बस चलाने के लिए एक बस योजना पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी है। योजना के माध्यम से 10,000 ई-बसें चलाई जाएंगी। योजना तीन लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी आने वाले समय में देश के कई शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। दरअसल, बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 169 शहरों में ई-बस चलाने की योजना को अपनी मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने इस योजना का नाम ‘पीएम ई-बस सेवा’ रखा है जिस पर 77,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर सिटी बस चलाने के लिए एक बस योजना पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि पीएम ई-बस सेवा योजना के माध्यम से 10,000 ई-बसें चलाई जाएंगी। इस योजना की अनुमानित लागत 57,613 करोड़ रुपये होगी, जिसमें से 20,000 करोड़ रुपये की मदद केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। यह योजना 10 वर्षों तक बस संचालन में आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी।
पीएम ई-बस सेवा योजना को दो खंडों (खंड ए और खंड बी) में बांटा गया है। खंड ए में 169 शहरों में सिटी बस सेवाओं का विस्तार करने का लक्ष्य रखा गया है। स्वीकृत बस योजना से डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और अपग्रेडेशन के लिए मदद मिलेगी। वहीं ई-बसों के लिए बिहाइंड द मीटर विद्युत इन्फ्रास्ट्रक्चर यानी सबस्टेशन आदि का निर्माण भी संभव होगा। योजना के खंड बी में 181 शहरों में ग्रीन अर्बन मोबिलिटी पहल (जीयूएमआई) को शुरू करने की घोषणा की गई है। इसमें बस की प्राथमिकता, बुनियादी सुविधा, मल्टीमॉडल इंटरचेंज सुविधाएं, नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) आधारित स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली, चार्जिंग हेतु बुनियादी सुविधाएं आदि जैसी हरित पहल की परिकल्पना की गई है।