शहर में मलिन बस्तियों पर फिर संकट, यूपी सिंचाई विभाग ने भेजा नोटिस उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की भूमि पर बनी मलिन बस्तियों पर एक बार फिर खतरा

विभाग ने मेला क्षेत्र और नहर पटरी के आसपास की भूमि पर बनी कॉलोनियों को मलिन बस्ती घोषित न करने, वेंडिंग जोन के आवंटन और पार्किंग आदि की निविदा रद्द करने के लिए नगर निगम को नोटिस जारी किया है। वहीं विभागीय भूमि पर बनी अवैध कॉलोनियों और अन्य निर्माण को ध्वस्त करने की तैयारी की जा रही है।

वर्ष 2018 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकारी भूमि पर बनी मलिन बस्तियां कार्रवाई की जद में आ गई थीं। 27 जुलाई 2018 को राज्य सरकार ने अध्यादेश जारी कर तीन साल के लिए मलिन बस्तियों को उजड़ने से बचा लिया था। 16 अगस्त 2021 को राज्य सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर समय सीमा को तीन वर्ष के लिए विस्तार दिया था।

वर्ष 2024 में मलिन बस्तियों को मिले सुरक्षा कवच की समय सीमा समाप्त होने जा रही है। इससे पहले उत्तरप्रदेश सिंचाई विभाग ने भूमि पर बनी मलिन बस्तियों, तीन वेंडिंग जोन और पार्किंग पर आपत्ति दर्ज करवा दी है। सिंचाई विभाग ने नगर निगम को नोटिस जारी कर विभागीय भूमि पर बनी कॉलोनियों को मलिन बस्ती घोषित करने, ज्वालापुर, रोड़ीबेलवाला व ललितारौ पुल वेडिंग जोन के आवंटन और रोड़ीबेलवाला स्मार्ट पार्किंग की निविदा को तत्काल निरस्त करने के लिए कहा है।

उत्तरप्रदेश सिंचाई विभाग ने जिलाधिकारी को मामले में मेला भूमि से संबंधित श्री कृष्ण आयोग की रिपोर्ट का हवाला दिया था। अधिशासी अभियंता नलिन वर्धन ने बताया कि इस संबंध में अगस्त 2019 में दोनों प्रदेश के मुख्य सचिवों ने बैठक की थी। बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि मेला क्षेत्र की आरक्षित भूमि को हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ मेला, कांवड़ मेला और स्नान पर्वों में सिंचाई विभाग उत्तराखंड और मेला अधिष्ठान की ओर से पूर्व की भांति प्रयोग किया जाएगा।

बताया कि नवंबर 2021 में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक दौरान भी यह निर्णय लिया गया था कि भूमि का स्वामित्व उत्तरप्रदेश सरकार के पास रहेगा। कुंभ मेला और अन्य आवश्यक प्रयोजन के लिए भूमि के प्रयोग की अनुमति प्रदान की जाएगी।

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