योजनाओं को पलीता
स्वच्छ भारत मिशन को लेकर सरकार करोड़ों रुपए खर्च करने का दावा करती है। लेकिन उत्तराखंड प्रवेश द्वार मंगलौर में सरकार की इस योजना को अधिकारी पलीता लगाते हुए नजर आ रहे हैं। अधिकारियों की लापरवाही के कारण मंगलौर बस स्टैंड पर बना सार्वजनिक शौचालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। लाखों रुपए की लागत से बना शौचालय गंदगी के ढेर में तब्दील हो गया है।
शौचालय में टंकी तक उपलब्ध नही है और न ही पानी की कोई सुविधा है, जिसके कारण यात्रियों को खुले में ही शौच करना पड़ता है। खासकर चार धाम यात्रा में आने वाले यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंगलौर के रोड़वेज बस स्टैंड में पानी पीने तक की भी कोई सुविधा मौजूद नहीं है। यात्रियों के लिए रखा पेयजल फ्रिज भी जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। कई बार नगर पालिका के अधिकारियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक सार्वजनिक शौचालय को दुरुस्त किए जाने की मांग कर चुके हैं।
शौचालय में गंदगी के अंबार से यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है कई बार शिकायत करने के बाद भी अधिकारी इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं जबकि चार धाम यात्रा के साथ साथ कुछ दिनों बाद कावड़ यात्रा भी शुरू होने वाली है ऐसी अवस्था में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही यात्रियों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है।