बिहार ने जारी किए अपने जाति के आंकड़े अखिलेश का कहना है कि ये निश्चित हो गया कि पीडीए ही राजनीति का नया भविष्य है
जातिगत जनगणना देश की तरक़्क़ी का रास्ता है। अब ये निश्चित हो गया है कि PDA ही भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा।बिहार सरकार ने जाति जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। इस पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह आंकड़े पीडीए (पिछड़ा, अल्पसंख्यक, दलित) के लिए भविष्य का रास्ता खोलेंगे।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ” बिहार जाति आधारित जनगणना प्रकाशित : ये है सामाजिक न्याय का गणतीय आधार।
जातिगत जनगणना 85-15 के संघर्ष का नहीं बल्कि सहयोग का नया रास्ता खोलेगी और जो लोग प्रभुत्वकामी नहीं हैं बल्कि सबके हक के हिमायती हैं, वो इसका समर्थन भी करते हैं और स्वागत भी।जो सच में अधिकार दिलवाना चाहते हैं वो जातिगत जनगणना करवाते हैं। भाजपा सरकार राजनीति छोड़े और देशव्यापी जातिगत जनगणना करवाए।
जब लोगों को ये मालूम पड़ता है कि वो गिनती में कितने हैं तब उनके बीच एक आत्मविश्वास भी जागता है और सामाजिक नाइंसाफ़ी के ख़िलाफ़ एक सामाजिक चेतना भी, जिससे उनकी एकता बढ़ती है और वो एकजुट होकर अपनी तरक़्क़ी के रास्ते में आनेवाली बाधाओं को भी दूर करते हैं।
नये रास्ते बनाते हैं और सत्ताओं और समाज के परम्परागत ताक़तवर लोगों द्वारा किए जा रहे अन्याय का ख़ात्मा भी करते हैं। इससे समाज बराबरी के मार्ग पर चलता है और समेकित रूप से देश का विकास होता है। जातिगत जनगणना देश की तरक़्क़ी का रास्ता है। अब ये निश्चित हो गया है कि PDA ही भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा।
बिहार में आंकड़े जारी होने के बाद यह मामला तूल पकड़ सकता है। राजद, बसपा, सपा और कांग्रेस लंबे समय से जाति आंकड़े जारी करने की मांग कर रहे हैं।