योजनाओं के लिए अब भूमि के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा
लोक संपत्ति प्रबंधन पोर्टल बनाया गया है। इस पोर्टल में सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसंपत्तियों और भूमि का ब्योरा अपलोड करना है। विभागों और जिलों ने अभी तक 2217 परिसंपत्तियों की प्रविष्टि (इंट्री) करा दी है। इतना ही नहीं 18047 हेक्टेयर भूमि का ब्योरा भी पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है।
आने वाले दिनों में विभागों को अपने भवनों और अपनी योजनाओं के लिए भूमि के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश सरकार सरकार भूमि के उचित उपयोग के लिए विभागों के बीच एक पूल बनाने जा रही है। इस पूल से विभागों के बीच आवश्यकता होने पर भूमि का आवंटन हो सकेगा। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सभी विभागों के सचिवों को इस बारे में विचार करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश सरकार पहली बार राज्य की परिसंपत्तियों का ऑनलाइन रिकार्ड तैयार करा रही है। इस कड़ी में लोक संपत्ति प्रबंधन पोर्टल बनाया गया है। इस पोर्टल में सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसंपत्तियों और भूमि का ब्योरा अपलोड करना है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, विभागों और जिलों ने अभी तक 2217 परिसंपत्तियों की प्रविष्टि (इंट्री) करा दी है। इतना ही नहीं 18047 हेक्टेयर भूमि का ब्योरा भी पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है।