सिरौलीकलां के मदरसे में 24 बच्चों को कराया गया मुक्त कुमाऊं में नौ दिन के अंदर घटी चौथी घटना

कुमाऊं में पिछले नौ दिन के भीतर चार आवासीय शिक्षण संस्थानों में बच्चों से बर्बरता का मामला सामने आया है। पुलिस ने तीन मदरसों से 48 बच्चों को मुक्त कराया है।

पुलभट्टा पुलिस ने सिरौलीकलां के चारबीघा क्षेत्र में बिना अनुमति संचालित मदरसे से 24 बच्चों को मुक्त कराया है। मदरसा संचालक की पत्नी को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि मुख्य आरोपी फरार है। पुलिस ने दंपती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुक्त कराए गए बच्चों की उम्र चार साल से 16 साल तक है। प्रशासन ने मदरसे को सील कर दिया है। पिछले नौ दिन के भीतर कुमाऊं के चार आवासीय शिक्षण संस्थानों में बच्चों से बर्बरता का मामला सामने आया है। पुलिस ने तीन मदरसों से 48 बच्चों को मुक्त कराया है।

सितारगंज के सीओ ओमप्रकाश ने बताया कि वार्ड 18 चारबीघा बाबू गोटिया सिरौलीकलां में बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन के दौरान पुलिस को अवैध मदरसा संचालित होने की सूचना मिली थी। पुलभट्टा थानाध्यक्ष कमलेश भट्ट के नेतृत्व में टीम ने इरशाद के घर पर पड़ताल की तो वहां ‘जामिया नगमा खातमा’ नाम से अवैध मदरसा संचालित होता मिला। मदरसे का मुख्य संचालक इरशाद और उसकी पत्नी खातून बेगम हैं। इन लोगों ने भीतर एक अंधेरे कमरे में 24 बच्चों को बंधक रखा था। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि गरीब घर के बच्चों को पढ़ाई-लिखाई के नाम पर लाकर उनका शारीरिक शोषण कर उनसे श्रम भी करवाते थे।

पुलिस ने इसकी सूचना जिला प्रोबेशन अधिकारी व्योमा जैन और बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष प्रेम लता सिंह को दी। दोनों अधिकारियों के निर्देश पर चाइल्ड लाइन के सदस्य सुनील कुमार, दीपा मेहरा और रेखा अधिकारी मौके पर पहुंचे और बच्चों की काउंसलिंग की।

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