कर्मचारियों के पीएफ को लेकर सामने आई एक बड़ी गड़बड़ी

 

ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया, उज्जवल लेबर कांट्रैक्टर कंपनी ने वन विभाग को आउससोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराए थे।वन विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों के पीएफ में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। विभाग की ओर से कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) की करीब 43 लाख रुपये की रकम डकार ली गई है। ऐसे में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वन विभाग व उसकी आउटसोर्स कंपनी को नोटिस भेजा है। इसके अलावा दो और बड़ी कंपनियों ने भी सैकड़ों कर्मचारियों के पीएफ के करोड़ों रुपये का गबन कर दिया है।

इस संबंध में मंगलवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया, उज्जवल लेबर कांट्रैक्टर कंपनी ने वन विभाग को आउससोर्स कर्मचारी उपलब्ध कराए थे। उपलब्ध कराए करीब 350 कर्मचारियों का पीएफ का अंशदान साल 2011 के फरवरी महीने से इस साल 2021 के अप्रैल महीने तक जमा नहीं किया गया है। कहा, कर्मचारी के पीएफ का अंशदान जमा कराने का जिम्मा प्रमुख नियोक्ता (प्रिंसिपल एम्प्लॉयर) का होता है।

इसके आधार पर ही वन विभाग और कंपनी को नोटिस भेजा गया है। इसके अलावा कोटद्वार की केएमसी इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने अगस्त 2016 से फरवरी 2023 तक कर्मचारियों के पीएफ के 1,05,35,766 रुपये और रुड़की के भगवानपुर की अवीना मिल्क प्रोडक्टस लिमिटेड ने भी अप्रैल 2015 से अगस्त 2019 तक कर्मचारियों के पीएफ के 33,79,354 रुपये जमा ही नहीं किए। इन दोनों कंपनियों को भी ईपीएफओ की ओर से नोटिस भेजा गया है।

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