अब प्रदेश में सभी टनल प्रोजेक्ट की की जाएगी ठीक से समीक्षा उत्तरकाशी की घटना के बाद सीएम धामी द्वारा दिए गए निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि टनल निर्माण का कार्य एनएचआईडीसीएल कर रही है। सुरंग का काम पूरा होने वाला था। 400 मीटर का काम शेष रह गया था। इसकी मॉनिटरिंग भी वही लोग कर रहे थे। लेकिन आगे के लिए हम इस तरह के सभी निर्माण कार्यों की समीक्षा करेंगे।
उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में 40 श्रमिकों के फंसने की घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में सभी टनल प्रोजेक्ट की समीक्षा की जाएगी। शहरों की वहन क्षमता का भी हम आकलन कर रहे हैं। बता दें कि मसूरी, देहरादून-टिहरी समेत प्रदेश में कई टनल प्रोजेक्ट प्रस्तावित व विचाराधीन हैं।
मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को राज्य सचिवालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एजेंसियां बचाव कार्य में जुटी हैं और राज्य सरकार इसमें उनका सहयोग कर रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय भी बचाव अभियान पर नजर बनाए हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं लगातार बचाव कार्य देख रहे हैं।
वह समीक्षा कर रहे हैं और हम लोगों से जानकारी ले रहे हैं। मुझसे भी उन्होंने फीडबैक लिया है। प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार के स्तर से निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी कठिन परिस्थितियों में जो एजेंसियां व विशेषज्ञ काम करते हैं, उनसे संपर्क किया जाए। ऐसे सभी लोग अभियान से जुड़े हैं और उनका मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है।
सीएम ने कहा, मुझे बताया गया है कि वहां अत्याधुनिक मशीन ने काम करना शुरू कर दिया है। यह मशीन हर घंटे में पांच से 10 मीटर में ड्रिल करेगी। सब ठीक रहा है, तो सभी भाइयों को हम जल्द निकाल पाएंगे। वहां जितनी भी एजेंसियां काम कर रही हैं, उन्हें राज्य सरकार की ओर से हर प्रकार का सहयोग दिया जा रहा है। मुख्य सचिव व अन्य अधिकारी उनके संपर्क में हैं। तकनीकी चीजें उन्हीं को करनी है, राज्य सरकार उनको पूरा सहयोग देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टनल में फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। उनसे लगातार संपर्क हो रहा है। सभी को खाना, पानी, ऑक्सीजन सभी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। टनल के दौरान जो हालात बने, उन्हें पहले नहीं देखा जाना चाहिए था, इस प्रश्न पर सीएम ने कहा कि अभी हमारी सबसे पहली प्राथमिकता सभी को सुरक्षित बाहर निकालने की है।
एक प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि टनल निर्माण का कार्य एनएचआईडीसीएल कर रही है। सुरंग का काम पूरा होने वाला था। 400 मीटर का काम शेष रह गया था। इसकी मॉनिटरिंग भी वही लोग कर रहे थे। लेकिन आगे के लिए हम इस तरह के सभी निर्माण कार्यों की समीक्षा करेंगे।