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चैक बाउंस के होने पर तीन माह का कारावास तीन लाख का अर्थदंड।
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रोशनाबाद 13 दिसम्बर हरिद्वार।
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अधिवक्ता राव फरमान अली ने अपने क्लाइंट सालिग राम शर्मा की ओर से प्रक्राम्य लिखत अधिनियम 1881 की धारा 138 एनआई एक्ट के तहत एक परिवाद न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां अभियुक्त कटार सिंह के विरुद्ध प्रस्तुत किया संक्षेप मे इस प्रकार है परिवादी की अभियुक्त कटार सिंह से अच्छी जान पहचान थी इन्ही संबंधों के आधार पर अभियुक्त ने परिवादी से दो लाख बीस हजार रुपए छः माह के लिए उधार लिए थे और रुपयों की अदायगी की एवज में तीन चैक परिवादी को अदा किए थे परंतु अभियुक्त के मन मे शुरू से ही बईमानी थी चैक अपर्याप्त निधि होने के कारण बाउंस हुए अधिवक्ता राव फरमान अली द्वारा अभियुक्त को लीगल नोटिस दिया गया परंतु नोटिस के उपरांत भी अभियुक्त ने परिवादी के रुपए नही लौटाए मामला कोर्ट पहुंचा जिसमे तमाम लीगल प्रकियाओ एवम प्रस्तुत दस्तावेजी , मौखिक साक्ष्य तथा अधिवक्तागण राव फरमान अली और राव शाहबाज अली द्वाराअपने क्लाइंट की और से प्रस्तुत तर्को एवं बहस तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता के द्वारा प्रस्तुत बहस एवं तर्क सुनने के उपरांत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रीमति शिखा भंडारी जी द्वारा अभियुक्त कटार सिंह को दोष सिद्ध पाते हुए तीन माह का कारावास तथा तीन लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया