नौ महीने में शासन तय ही नहीं कर पाया अफसर को क्यों किया निलंबित, आयोग के सचिव बडोनी हुए थे सस्पेंड

नौ महीने में शासन तय ही नहीं कर पाया अफसर को क्यों किया निलंबित, आयोग के सचिव बडोनी हुए थे सस्पेंड

सरकार ने पिछले साल दो सितंबर को संतोष बडोनी को सस्पेंड कर दिया था। उनकी जगह आयोग में नए सचिव की तैनाती कर दी गई थी। बडोनी तब से लगातार सस्पेंड चल रहे हैं। सचिवालय सेवा के अफसर होने के नाते सचिवालय प्रशासन को उन्हें आरोप पत्र देना चाहिए लेकिन सचिवालय प्रशासन को पता ही नहीं है कि आरोप क्या हैं।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी को पेपर लीक प्रकरण के दौरान सस्पेंड तो कर दिया गया, लेकिन नौ माह बीत गए और शासन तय ही नहीं कर पाया कि उन्हें निलंबित क्यों किया। हाल ये है कि निलंबित अफसर को आरोप पत्र देने की अधिकतम सीमा तीन माह है लेकिन नौ माह में सचिवालय प्रशासन व कार्मिक विभाग एक-दूसरे पर टाल रहे हैं।

दरअसल, आयोग के पेपर लीक प्रकरण के बीच सरकार ने पिछले साल दो सितंबर को संतोष बडोनी को सस्पेंड कर दिया था। उनकी जगह आयोग में नए सचिव की तैनाती कर दी गई थी। बडोनी तब से लगातार सस्पेंड चल रहे हैं। सचिवालय सेवा के अफसर होने के नाते सचिवालय प्रशासन को उन्हें आरोप पत्र देना चाहिए लेकिन सचिवालय प्रशासन को पता ही नहीं है कि आरोप क्या हैं।

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