वाजिद अली ने हल्द्वानी फुटबॉल टूर्नामेंट में लहराया जीत का प्रचण्ड, संघर्ष से सफलता की बने मिसाल।

हल्द्वानी में आयोजित 38 वे फुटबॉल टूर्नामेंट में वाजिद अली ने शानदार प्रदर्शन किया द्वितीय स्थान हासिल उन्होंने अपनी इस जीत का श्रय दिया अपने माता-पिता को उनकी उपलब्धि से न केवल उनके गांव वाले बल्कि पूरे उत्तराखंड में खुशी की लहर दौड़ गई है। अपनी जीत के बाद आज सुबह वाजिद अली अपने गांव पहुँचे तो उनके गांव पहुचने की खबर सुनते ही ग्रामीण ढोल नगाड़ों के साथ करने उनका स्वागत करने गांव के बहार ही पहुँच गये ओर ढोल नगाड़ों के साथ उन्हें पूरे गांव का भृमण कराया इसके बाद क्या था उनके घर पर बधाई देंने वालो का लगा ताता अपनी इस सफलता का श्रेय वाजिद अली ने अपने माता-पिता व अपने कोच को दिया, जिन्होंने कहा कि हर कठिनाइयों के बावजूद मेरे माता पिता ने मेरा हर कदम पर साथ दिया।

वाजिद के पिता अलीशेर अली अण्डे की रेडी लगाते है जिससे अपने पूरे परिवार का लालन पोषण करते है, अपने बेटे की शिक्षा और खेल के सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत की। उन्होंने हर संभव कोशिश की वाजिद को खेल के मैदान में किसी भी चीज की कमी न हो। उनकी इसी मेहनत और बलिदान का परिणाम है कि आज उनका बेटा राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है।वाजिद ने कहा, “जो कुछ भी मैं आज हूं, वो अपने माता-पिता की बदौलत हूं। उन्होंने अपनी जरूरतें भुलाकर मेरे सपनों को पूरा किया। आज जब मैंने पदक जीता, तो सबसे पहले मुझे अपने माता-पिता की मेहनत याद आई।”

वही रोशनाबाद से ही भारतीय महिला हॉकी टीम की स्टार वंदना कटारिया भी आती हैं, जिन्होंने अपने खेल से अपने गांव का ही नाम नही बल्कि पूरे भारत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाया है। अब वाजिद अली भी उसी राह पर आगे बढ़ रहे हैं, जिससे गांव के युवाओं के लिए एक नई प्रेरणा बने है। वाजिद के कोच और स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि वह भविष्य में और बड़ी उपलब्धियां हासिल करेंगे।

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