108 साल की दादी की सलामती के लिए पोता बना 'भगीरथ' गंगाजल लेने हरियाणा से पैदल पहुंचा हरिद्वार

108 साल की दादी की सलामती के लिए पोता बना ‘भगीरथ’ गंगाजल लेने हरियाणा से पैदल पहुंचा हरिद्वार

सावन का महीना शुरू होते ही कांवड़िये कंधों पर कांवड़ लिए बम-बम भोले और हर-हर महादेव के उद्षोघ करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। वहीं यात्रा में अब कांवड़ियों के विभिन्न रंग नजर आने लगे हैं। किसी के कंधे पर गंगाजल की मटकियां है तो कोई मन्नत मांगकर कांवड़ उठा रहा है। ऐसा ही एक शिवभक्त अपनी दादी की सलामती के लिए हरिद्वार पहुंचा।

दादी की लंबी उम्र के लिए पोता ”भगीरथ” बनकर हरिद्वार से गंगाजल लेकर निकला है। दादी के प्रति प्रेम और आस्था के आगे पोते के चेहरे पर थकान नजर नहीं आ रही है। वह अकेला ही लगातार पैदल अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहा है। दादी के प्रति समर्पित प्यार को देखकर हर कोई पोते की जमकर प्रशंसा करता नजर आया।कांवड़ यात्रा में आस्था और भक्ति देखते ही बन रही है। साथ ही बुजुर्गों के लिए समर्पित प्रेम और आस्था का अनोखा संगम भी नजर आ रहा है।

जहां कलयुग में लोग अपने बुजुर्गों को बेसहारा छोड़ रहे हैं। वहीं, हरियाणा के पानीपत के गांव छमालका निवासी अंशुल शर्मा (22) उनके लिए एक नजीर बनकर हरिद्वार से गंगाजल लेकर निकले हैं।रुड़की के सोलानी पार्क के पास कांवड़ पटरी पर गंगाजल के साथ कुछ देर के लिए आराम करने ठहरे अंशुल शर्मा ने बताया कि उनकी दादी माया देवी की उम्र 108 साल हो चुकी है। इतनी उम्र में भी वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं और घर का सारा काम करती हैं।

अंशुल बताते हैं कि बचपन से ही उनका दादी के प्रति असीम प्रेम है। दादी भी उसे परिवार में सबसे अधिक प्यार करती हैं। दादी की और लंबी उम्र व सलामती के लिए इस बार हरिद्वार से गंगाजल लेने आए थे। उन्होंने बृहस्पतिवार सुबह हरिद्वार से चार कलश में 60 लीटर गंगाजल उठाया है।वह सबसे पहले गांव के प्राचीन शिव मंदिर पर जल चढ़ाएंगे। इसके बाद दादी को गंगाजल देंगे। इस गंगाजल से दादी थोड़ा-थोड़ा रोजाना स्नान करेंगी और ग्रहण करेंगी ताकि उनके शरीर को कोई बीमारी छू न सके

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