बहादराबाद पुलिस की बड़ी कार्रवाई: फिल्मी अंदाज में पीछा कर 300 किलो गोमांस किया बरामद, तीन तस्कर गिरफ्तार
हरिद्वार: बहादराबाद पुलिस ने गोमांस तस्करी के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस टीम ने फिल्मी अंदाज में एक संदिग्ध कार का पीछा कर उसे रोका और वाहन से लगभग 300 किलोग्राम प्रतिबंधित मांस बरामद किया। इस कार्रवाई में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि उनका एक साथी मौके से फरार होने में कामयाब रहा। यह कार्रवाई थानाध्यक्ष अंकुर शर्मा के नेतृत्व में की गई, जिसने क्षेत्र में अवैध गतिविधियों में लिप्त अपराधियों के बीच हड़कंप मचा दिया है।
संदिग्ध कार और पुलिस का पीछा: ऐसे आया गिरोह पकड़ में
मामला गुरुवार का है, जब बहादराबाद पुलिस टीम क्षेत्र में नियमित गश्त और चेकिंग अभियान चला रही थी। इसी दौरान, रुड़की की ओर से हरिद्वार की तरफ आ रही एक सफेद रंग की इंडिगो कार पर पुलिस की नजर पड़ी। कार की गति और चालक के हाव-भाव संदिग्ध लगने पर पुलिस ने उसे रुकने का इशारा किया। लेकिन पुलिस को देखते ही चालक ने रुकने के बजाय कार की रफ्तार बढ़ा दी और हरिद्वार की ओर भागने लगा। इस हरकत से पुलिस का शक यकीन में बदल गया कि वाहन में कुछ अवैध सामान है।
बिना कोई समय गंवाए, पुलिस टीम ने तुरंत अपनी गाड़ियों से कार का पीछा करना शुरू कर दिया। थाना मोबाइल और हाईवे पेट्रोल कार ने समन्वय बनाते हुए भाग रही कार की घेराबंदी शुरू की। काफी दूर तक पीछा करने के बाद, पुलिस ने आखिरकार क्रिस्टल वर्ल्ड मनोरंजन पार्क के पास घेराबंदी कर इंडिगो कार को सफलतापूर्वक रोक लिया। पुलिस की इस त्वरित और साहसी कार्रवाई ने तस्करों को भागने का कोई और मौका नहीं दिया।
कार की तलाशी में मिला 300 किलो गोमांस, सहारनपुर से जुड़े तार
कार को रोकने के बाद जब पुलिस ने उसकी तलाशी ली, तो अंदर का दृश्य चौंकाने वाला था। कार के अंदर और डिग्गी में प्लास्टिक की आठ बड़ी-बड़ी बोरियां रखी हुई थीं। जब इन बोरियों को खोला गया, तो उनमें भारी मात्रा में मांस भरा हुआ था। मौके पर ही वजन करने पर यह लगभग 300 किलोग्राम संदिग्ध गोमांस पाया गया। पुलिस ने तत्काल कार में सवार दो संदिग्धों को हिरासत में ले लिया। उनकी पहचान गुल मोहम्मद और शोभन के रूप में हुई।
कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपियों ने पूरे नेटवर्क का खुलासा कर दिया। उन्होंने बताया कि यह गोमांस वे देवबंद, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) से लेकर आए थे और इसे बहादराबाद के भांरापुर और जमालपुर क्षेत्रों में सप्लाई किया जाना था। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने एक अन्य आरोपी नदीम को बाद में शांतरशाह क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ देवबंद और कुछ बहादराबाद के ही निवासी हैं, जो यह दर्शाता है कि यह एक संगठित अंतरराज्यीय गिरोह है। पुलिस चौथे फरार आरोपी की सरगर्मी से तलाश कर रही है।
कानूनी प्रक्रिया और मांस का निस्तारण
बरामदगी के बाद, पुलिस ने पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया। चूंकि बरामद मांस की प्रकृति की पुष्टि करना आवश्यक था, इसलिए मौके पर ही एक पशु चिकित्सक (Veterinary Doctor) को बुलाया गया। पशु चिकित्सक ने मांस की जांच कर प्रथम दृष्टया उसके गोमांस होने की पुष्टि की और आगे की फोरेंसिक जांच के लिए नमूने (सैंपल) एकत्र किए। इन नमूनों को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा, जिसकी रिपोर्ट मामले में एक महत्वपूर्ण सबूत होगी।
कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद, बरामद किए गए 300 किलोग्राम मांस क�� सुरक्षित रूप से नष्ट करना एक बड़ी चुनौती थी। पुलिस ने पर्यावरण और स्वास्थ्य मानकों का ध्यान रखते हुए मांस पर अम्लीय छिड़काव (acidic spray) किया और फिर उसे गड्ढा खोदकर दबा दिया, ताकि इससे कोई संक्रमण न फैल सके। पुलिस ने तस्करी में इस्तेमाल की गई इंडिगो कार को भी सीज कर दिया है।
SHO अंकुर शर्मा के नेतृत्व में टीम को मिली सफलता
यह पूरी कार्रवाई बहादराबाद के थानाध्यक्ष अंकुर शर्मा के कुशल नेतृत्व और उनकी टीम की सजगता का परिणाम है। इस सफल ऑपरेशन को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में उपनिरीक्षक उमेश कुमार, उपनिरीक्षक अमित नौटियाल के साथ-साथ पुलिस कर्मी चंदन, शाह आलम, प्रीतम और पीआरडी जवान अमजद शामिल रहे। पूरी टीम ने जिस तरह से समन्वय और बहादुरी का परिचय देते हुए तस्करों को दबोचा, वह काबिले तारीफ है।
पुलिस अब इस गिरोह के पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुट गई है। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाया जा रहा है कि इस अवैध कारोबार में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, मांस कहाँ से लाया जाता था और इसे कहाँ-कहाँ बेचा जाता था। पुलिस का लक्ष्य इस गिरोह की जड़ तक पहुंचकर इसे पूरी तरह से ध्वस्त करना है।