चारधाम यात्रा: 25 अप्रैल को मॉक ड्रिल, तैयारियों को लेकर वर्चुअल बैठकचारधाम यात्रा: 25 अप्रैल को मॉक ड्रिल, तैयारियों को लेकर वर्चुअल बैठक

 

चारधाम यात्रा: 25 अप्रैल को मॉक ड्रिल, तैयारियों को लेकर वर्चुअल बैठक

हरिद्वार, 16 अप्रैल, 2025: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सहयोग से आगामी चारधाम यात्रा के मद्देनजर 25 अप्रैल 2025 को होने वाली मॉक ड्रिल की तैयारियों को लेकर बुधवार को जिला आपदा प्रबंधन सभागार में एक वर्चुअल बैठक आयोजित की गई।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, इस वर्चुअल बैठक में आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ हरिद्वार, देहरादून, टिहरी गढ़वाल, चमोली, पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी, पुलिस, परिवहन, लोक निर्माण विभाग, एनडीआरएफ, अग्निशमन और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में मॉक ड्रिल की प्रक्रिया, स्थान और संभावित परिदृश्यों पर विस्तृत चर्चा की गई।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण संयुक्त रूप से इस मॉक ड्रिल का आयोजन कर रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी संभावित आपदा से प्रभावी ढंग से निपटना और यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह मॉक ड्रिल चारधाम यात्रा से जुड़े विभिन्न जिलों में आयोजित की जाएगी।

बैठक में संयोजक ने कहा कि चारधाम यात्रा पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं, और सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि वे सुरक्षित माहौल में अपनी यात्रा पूरी करें। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर आपदा प्रबंधन विभाग सभी आवश्यक तैयारियों को पुख्ता कर रहा है। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभाग हर संभव कदम उठा रहे हैं। बैठक में विभागीय स्तर पर गठित टीमों के कार्यों और जिम्मेदारियों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।

सभी जिलों को आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से चारधाम यात्रा के लिए विस्तृत डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। यह मॉक ड्रिल सात जिलों में आयोजित होगी, जहां विभिन्न प्रकार की आपदा स्थितियों का अनुकरण किया जाएगा। इसका उद्देश्य राहत और बचाव दलों की प्रतिक्रिया गति और संभावित कमियों का आकलन करना है। पहचान की गई कमियों को दूर कर चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जाएगी। बैठक में यात्रियों को आपदा की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर रोकने, होटलों और धर्मशालाओं की जानकारी उपलब्ध कराने, चिकित्सा और भोजन व्यवस्था सुनिश्चित करने, और यात्रा मार्गों पर स्थित पंजीकरण केंद्रों और होल्डिंग क्षेत्रों में सीसीटीवी निगरानी और बेहतर यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए।

बैठक के दौरान 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने और 02 मई को केदारनाथ तथा 04 मई को बद्रीनाथ के कपाट खुलने की जानकारी दी गई। सभी विभागों को समय रहते सभी तैयारियां पूरी करने और आपसी समन्वय के साथ कार्य करने का निर्देश दिया गया।

इस अवसर पर एसपी ट्रैफिक/क्राइम जितेंद्र मेहरा, अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, एसपी सिटी पंकज गैरोला, आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल सिंह भण्डारी, महाप्रबंधक उद्योग उत्तम कुमार तिवारी, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी विंग कमांडर सरिता पॉवर, ईई यूपीसीएल दीपक सैनी, ईई पीडब्लूडी दीपक कुमार, ईई पेयजल निगम आरके गुप्ता, आरटीओ नेहा झा, निखिल, एसीएमओ डॉ अनिल वर्मा, डीओ पीआरडी मुकेश भट्ट सहित जनपद के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

 

 

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