हरिद्वार पुलिस की बड़ी कामयाबी: एटीएम ठगी गिरोह का शातिर सदस्य गिरफ्तार, 27 कार्ड बरामद
आगामी त्योहारी सीजन से ठीक पहले, हरिद्वार पुलिस ने एटीएम फ्रॉड करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके एक शातिर सदस्य को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से विभिन्न बैंकों के 27 एटीएम कार्ड बरामद हुए हैं, जो इस गिरोह के बड़े नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं। पुलिस की यह कार्रवाई उन भोले-भाले और बुजुर्ग नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत है, जो अक्सर ऐसे ठगों का निशाना बनते हैं। आरोपी मदद के बहाने लोगों के एटीएम कार्ड बदलकर उनके खातों से पैसे उड़ा लेता था।
पुलिस की सतर्कता ने किया मंसूबों को नाकाम: ऐसे आया शातिर ठग गिरफ्त में
यह सफलता नारसन चौकी पुलिस की सूझबूझ और सतर्कता का परिणाम है। जानकारी के अनुसार, चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक हेमदत्त भारद्वाज अपनी टीम के साथ क्षेत्र में नियमित गश्त पर थे। इसी दौरान उनकी नजर नारसन स्थित भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एटीएम बूथ के पास संदिग्ध अवस्था में खड़ी एक बिना नंबर प्लेट की होंडा शाइन मोटरसाइकिल पर पड़ी। बिना नंबर प्लेट की बाइक देखकर पुलिस टीम को शक हुआ और वे सतर्क हो गए।
पुलिस टीम ने कुछ देर इंतजार किया। तभी एक युवक एटीएम बूथ से बाहर निकला और पुलिस को देखते ही घबराकर भागने की कोशिश करने लगा। उसकी इस हरकत ने पुलिस का शक और गहरा कर दिया। टीम ने बिना कोई समय गंवाए, तत्परता दिखाते हुए युवक को थोड़ी ही दूर पर दबोच लिया। पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने आरोपी को भागने का कोई मौका नहीं दिया।
तलाशी में हुआ बड़ा खुलासा: 27 एटीएम कार्ड और ठगी का तरीका
पकड़े जाने के बाद जब युवक से पूछताछ की गई, तो उसने अपनी पहचान अश्वनी पुत्र श्यामलाल, निवासी ग्राम रामनगर, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) के रूप में बताई। जब पुलिस ने उसकी तलाशी ली, तो वे हैरान रह गए। आरोपी की जेब से एक-दो नहीं, बल्कि कुल 27 एटीएम कार्ड बरामद हुए। ये कार्ड विभिन्न सरकारी और निजी बैंकों के थे, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि वह किसी बड़े धोखाधड़ी गिरोह का सदस्य है।
कड़ाई से पूछताछ करने पर अश्वनी ने अपने अपराध करने का तरीका भी कबूल कर लिया। उसने बताया कि वह और उसके साथी उन एटीएम बूथों को निशाना बनाते थे, जहां सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं होते। वे खासतौर पर ऐसे लोगों की तलाश में रहते थे जो कम पढ़े-लिखे, बुजुर्ग या तकनीक से अनजान होते हैं। वह मदद करने के बहाने उनके पास जाता, उनका पिन नंबर देख लेता और फिर बड़ी चालाकी से बातचीत में उलझाकर उनका असली एटीएम कार्ड अपने पास मौजूद उसी बैंक के नकली या बंद हो चुके कार्ड से बदल देता था। इसके बाद, वह दूसरे एटीएम में जाकर पीड़ित के खाते से सारे पैसे निकाल लेता था।
त्योहारी सीजन पर थी ठगों की नजर, बड़े गिरोह का हो सकता है पर्दाफाश
पुलिस के अनुसार, आरोपी अश्वनी ने यह भी कबूल किया कि त्योहारी सीजन में लोगों के खातों में अधिक पैसे होते हैं और वे खरीदारी के लिए ज्यादा नकदी निकालते हैं। इसी का फायदा उठाने के लिए वह हरिद्वार क्षेत्र में सक्रिय हुआ था। उसका मकसद त्योहारों से पहले ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाकर मोटी रकम कमाना था। पुलिस ने मौके से बरामद बिना नंबर प्लेट की बाइक और सभी 27 एटीएम कार्डों को जब्त कर लिया है और आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है।
पुलिस अब इस मामले को केवल एक व्यक्ति की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं देख रही है। 27 एटीएम कार्डों का मिलना इस बात का संकेत है कि इसके पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा है, जिसके तार कई जिलों और राज्यों से जुड़े हो सकते हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और बरामद किए गए एटीएम कार्डों के मालिकों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस को उम्मीद है कि अश्वनी से मिली जानकारी के आधार पर इस गिरोह के अन्य सदस्यों तक भी जल्द ही पहुंचा जा सकेगा।
एटीएम इस्तेमाल करते समय बरतें ये सावधानियां
हरिद्वार पुलिस ने इस गिरफ्तारी के बाद आम जनता, विशेषकर बुजुर्गों से अपील की है कि वे एटीएम का उपयोग करते समय अत्यधिक सावधानी बरतें। त्योहारी सीजन में ऐसे गिरोह अधिक सक्रिय हो जाते हैं। आपकी थोड़ी सी सतर्कता आपको अपनी मेहनत की कमाई लुटने से बचा सकती है।
- एटीएम बूथ में किसी भी अजनबी व्यक्ति से मदद न लें। यदि कोई समस्या है, तो सीधे बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें या गार्ड से सहायता मांगें।
- अपना पिन डालते समय कीपैड को हमेशा दूसरे हाथ से ढकें, ताकि कोई उसे देख न सके।
- सुनिश्चित करें कि आपके आसपास कोई संदिग्ध व्यक्ति खड़ा होकर आप पर नजर तो नहीं रख रहा है।
- लेन-देन पूरा होने के बाद, यह जरूर जांच लें कि जो एटीएम कार्ड आपको वापस मिला है, वह आपका ही है।
- किसी भी तरह का शक होने पर तुरंत अपना कार्ड ब्लॉक कराएं और पुलिस को 112 या 1930 पर सूचना दें।