हरिद्वार पुलिस का ‘ऑपरेशन क्लीन’: 3000 लीटर कच्ची शराब का लाहन नष्ट, अब ड्रोन से हो रही माफिया की निगरानी
हरिद्वार: आगामी त्योहारी सीजन में अवैध शराब की बिक्री और इससे होने वाली अप्रिय घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम कसने के लिए, पथरी पुलिस ने एक बड़ा अभियान छेड़ दिया है। गुरुवार को चलाए गए इस सघन अभियान के दौरान पुलिस ने जंगलों और खेतों में छापेमारी कर कच्ची शराब बनाने के लिए तैयार किया गया लगभग 3,000 लीटर लाहन मौके पर ही नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई की सबसे खास बात यह है कि पुलिस अब शराब माफिया पर नकेल कसने के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल कर रही है, जिसमें ड्रोन से निगरानी सबसे प्रमुख है।
त्योहारों से पहले क्यों तेज हुआ कच्ची शराब के खिलाफ अभियान?
त्योहारी सीजन में अक्सर शराब की मांग बढ़ जाती है। इसी का फायदा उठाकर अवैध शराब के कारोबारी सक्रिय हो जाते हैं और ग्रामीण व दूर-दराज के इलाकों में कच्ची शराब की आपूर्ति बढ़ा देते हैं। यह कच्ची शराब न केवल सरकारी राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाती है, बल्कि जन-स्वास्थ्य के लिए भी एक गंभीर खतरा है। कई बार जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत तक हो जाती है, जिससे त्योहारों का माहौल मातम में बदल जाता है।
इन्हीं सब आशंकाओं को देखते हुए, हरिद्वार पुलिस प्रशासन ने “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाते हुए अवैध शराब के कारोबार पर जड़ से प्रहार करने का फैसला किया है। पथरी पुलिस द्वारा की गई यह कार्रवाई इसी बड़ी रणनीति का हिस्सा है। इसका मुख्य उद्देश्य त्योहारों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखना, किसी भी तरह की “हूज ट्रेजेडी” (जहरीली शराब कांड) को रोकना और आम जनता के लिए एक सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करना है।
दिनारपुर और डेरा क्षेत्र में जंगलों के बीच चल रही थीं भट्टियां
पुलिस को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिल रही थी कि पथरी थाना क्षेत्र के दिनारपुर और डेरा इलाकों में कुछ लोग बड़े पैमाने पर कच्ची शराब बनाने का अवैध धंधा कर रहे हैं। ये लोग पुलिस की नजरों से बचने के लिए घने खेतों, जंगलों और नदी-नालों के किनारे अपनी भट्टियां संचालित करते थे, जहां आम तौर पर पहुंचना मुश्किल होता है। सूचना मिलने पर पुलिस ने एक विशेष टीम का गठन किया और योजनाबद्ध तरीके से इन इलाकों में छापेमारी की।
जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची, तो वहां का दृश्य देखकर हैरान रह गई। जमीन में बड़े-बड़े गड्ढे खोदकर और ड्रमों में भारी मात्रा में लाहन (कच्ची शराब बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल) तैयार किया जा रहा था। पुलिस ने मौके पर मिली अवैध शराब की भट्टियों को तुरंत ध्वस्त कर दिया और वहां मौजूद लगभग 3,000 लीटर लाहन को जमीन पर फैलाकर नष्ट कर दिया। हालांकि, पुलिस के पहुंचने की भनक लगते ही आरोपी मौके से फरार होने में कामयाब रहे, जिनकी तलाश जारी है।
आसमान से निगरानी: अब ड्रोन की नजर में है शराब माफिया
इस अभियान की सबसे महत्वपूर्ण और भविष्योन्मुखी बात यह है कि पुलिस अब शराब माफिया पर नजर रखने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा ले रही है। पुलिस ने बताया कि पारंपरिक गश्त के अलावा, अब इन दुर्गम इलाकों में ड्रोन कैमरों की मदद से सघन सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। ड्रोन तकनीक इस तरह के अभियानों में एक गेम-चेंजर साबित हो रही है, क्योंकि:
- दुर्गम पहुंच: ड्रोन उन जगहों पर आसानी से पहुंच सकते हैं, जहां पुलिस टीमों को पैदल जाने में घंटों लगते हैं या जाना संभव नहीं होता।
- सटीक लोकेशन: ड्रोन के हाई-डेफिनिशन कैमरे ऊपर से ही अवैध भट्टियों से निकलने वाले धुएं या किसी भी संदिग्ध गतिविधि को पकड़ सकते हैं, जिससे सटीक लोकेशन का पता चल जाता है।
- सुरक्षा: यह पुलिसकर्मियों की सुरक्षा को भी बढ़ाता है, क्योंकि टीम किसी भी संभावित खतरे का आकलन करने के बाद ही मौके पर जाती है।
ड्रोन से निगरानी का मतलब है कि अब अपराधी जंगलों की आड़ में छिपकर अपना अवैध कारोबार आसानी से नहीं चला पाएंगे। पुलिस की यह “आसमानी आंख” उन पर 24 घंटे नजर रख रही है।