खिलाड़ियों के भविष्य पर ‘शराब का साया’! वंदना कटारिया स्टेडियम के बाहर ठेके पर क्यों चुप है प्रशासन?
हरिद्वार: खेल और योग की पवित्र भूमि कही जाने वाली रोशनाबाद योगस्थली इन दिनों एक गंभीर विरोधाभास का सामना कर रही है। जहां एक ओर प्रसिद्ध वंदना कटारिया स्पोर्ट्स स्टेडियम युवा खिलाड़ियों को तराशने का केंद्र है, वहीं ठीक उसके बाहर स्थित शराब का ठेका खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों के लिए गहरी चिंता का विषय बन गया है। यह स्थिति न केवल युवा प्रतिभाओं के मनोबल को गिरा रही है, बल्कि प्रशासन की निष्क्रियता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है। खेल की शुरुआत करने वाले बच्चों को सुबह-सुबह नशे में धुत लोग और शराब का ठेका देखकर निराशा हाथ लगती है।
‘योगस्थली’ की गरिमा पर सवाल: नशे का माहौल और युवा पीढ़ी पर असर
रोशनाबाद, जो अपनी खेल परंपराओं और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के लिए जाना जाता है, आज वहां के खेल परिसर की गरिमा पर सवाल खड़े हो गए हैं। वंदना कटारिया स्पोर्ट्स स्टेडियम, जिसका नाम हॉकी खिलाड़ी वंदना कटारिया के सम्मान में रखा गया है, के ठीक बाहर शराब की दुकान का होना अपने आप में एक बड़ा विरोधाभास है। यह उस स्थान के पवित्र माहौल को दूषित कर रहा है जहां युवा खिलाड़ी अपने सपनों को पूरा करने के लिए अनुशासन और कड़ी मेहनत सीखते हैं।
खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों का कहना है कि यह दृश्य उनकी मानसिकता पर सीधा नकारात्मक असर डालता है। एक अभिभावक ने दर्द बयां करते हुए कहा, “जब कोई खिलाड़ी सुबह-सुबह अभ्यास के लिए आता है और सामने शराबी या शराब की दुकान दिखती है, तो यह दृश्य उसके मन में अनुशासन और संस्कारों को कमजोर करता है।” यह स्थिति नई पीढ़ी को गलत संदेश देती है, जहां खेल और स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, वहीं नशे का केंद्र सामने होने से पूरा माहौल बिगड़ जाता है।
प्रशासन की ‘चुप्पी’ और निष्क्रियता: एक महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं
इस गंभीर मुद्दे पर स्थानीय लोगों और खेल विभाग द्वारा बार-बार शिकायतें करने के बावजूद जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होना चिंता का विषय है। जानकारी के अनुसार, करीब एक महीने पहले ही इस शराब ठेके को हटाने की मांग को लेकर जिलाधिकारी हरिद्वार को लिखित में शिकायत भेजी गई थी। इसके अतिरिक्त, खेल अधिकारी शबाली गुरंग ने भी जिला प्रशासन को इस विषय पर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।
इसके बावजूद, अब तक केवल आश्वासनों के अलावा कोई परिणाम सामने नहीं आया है। खेल विभाग के अधिकारियों को भी यही कहा गया है कि जल्द ही ठेके को यहां से हटा दिया जाएगा। स्थानीय समाजसेवियों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि जब प्रशासन अवैध कब्जों और अन्य छोटे-मोटे मामलों पर त्वरित कार्रवाई कर सकता है, तो खिलाड़ियों के भविष्य और स्वास्थ्य से जुड़ी इतनी गंभीर समस्या पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? यह प्रशासन की प्राथमिकताओं और उनकी जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े करता है।
रोशनाबाद की खेल प्रतिभाएं और उनके भविष्य की चिंता
वंदना कटारिया जैसी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी की जन्मभूमि रोशनाबाद आज भी खेल प्रतिभाओं की पहचान बनी हुई है। यह क्षेत्र सैकड़ों युवाओं को खेलों में अपना भविष्य तलाशने के लिए प्रेरित करता है। हॉकी, एथलेटिक्स और अन्य खेलों में कई युवा यहां दिन-रात पसीना बहा रहे हैं ताकि वे अपने और देश के लिए नाम कमा सकें। ऐसे में, खेल स्थल के समीप शराब ठेके का होना उन सभी के लिए एक चिंताजनक और हतोत्साहित करने वाली स्थिति बन चुका है।
यह ठेका न केवल युवा खिलाड़ियों को गलत दिशा में भटकाने का काम कर सकता है, बल्कि परिसर के बाहर नशे में धुत लोगों की मौजूदगी से उन्हें असुरक्षा का भी अनुभव होता है। एक तरफ राज्य सरकार ‘खेलो इंडिया’ जैसे अभियानों से युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित कर रही है, वहीं दूसरी तरफ इस तरह की विसंगतियां उन प्रयासों पर पानी फेर रही हैं।