वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत आयोजित साइकल रैली को हरिद्वार से आचार्य बालकृष्ण ने झण्डी दिखाकर किया रवाना।
उत्तराखण्ड के दुर्गम, दूरस्थ गाँवों से पलायन रोकने के लिए पतंजलि योगपीठ प्रतिबद्ध: आचार्य बालकृष्ण
हरिद्वार, आज से नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग उत्तरकाशी की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत आयोजित साइकल रैली को पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने गंगा स्वरूप आश्रम से रवाना किया। इससे पहले आचार्य जी ने स्वयं साइकल चलाकर माउंटेनियरिंग ग्रुप का उत्साहवर्धन साइकल रैली प्रदेश के 11 जिलों का भ्रमण करेगी जिसमें हरिद्वार 10वाँ जिला है। इस जागरूकता रैली का उद्देश्य उत्तराखण्ड में पहाड़ी दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन को रोकना तथा खाली पड़े गाँवों को दोबारा बसाना है। इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड के दुर्गम, दूरस्थ गाँवों से पलायन रोकने के लिए पतंजलि योगपीठ प्रतिबद्ध है। आज पतंजलि की सेवाओं का लाभ उत्तराखण्ड के अति दुर्गम पर्वतीय गाँवों तक पहुँचाया जा रहा है। पहाड़ के नागरिकों को शिक्षा, चिकित्सा तथा स्वास्थ्य जैसी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु पतंजलि ने कदम बढ़ाया है। पहाड़ों से पलायन रोकने के लिए पतंजलि ने पहाड़ों पर ही लघु उद्योग के माध्यम से युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया है आचार्य जी ने कहा कि हमने प्रदेश के किसानों के लिए बेहतर विकल्प प्रस्तुत किए हैं जिनसे उनकी आय में वृद्धि हुई है। समय-समय पर किसानों को जैविक कृषि प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मौसम तथा भूमि के अनुसार उन्हें दलहन, तिलहन तथा पहाड़ी वातावरण के अनुसार उत्तम कृषि उत्पादों की जानकारी दी जा रही है जिसका लाभ प्रदेश के किसानों को मिल रहा है। इससे पहाड़ से पलायन में भी कमी आई है उल्लेखनीय है कि यह साइकल रैली गंगा स्वरूप आश्रम पहुँची थी जहाँ हरिद्वार सांसद रमेश पौखरियाल ‘निशंक’ ने माउंटेनियरिंग ग्रुप का स्वागत किया था।
इस अवसर पर नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग उत्तरकाशी के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमन भदौरिया, उप-प्रधानाचार्य मेजर देवल वाजपेयी तथा पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी जी उपस्थित रहे।