मसूरी में पाबंदी होने के बाद भी पास हुए 1042 नक्शे सर्वे रिपोर्ट आते ही बढ़ जाएगी भवन स्वामियों की मुश्किल
मसूरी में 1042 आवासीय-व्यावसायिक निर्माण उन क्षेत्रों में हुए जहां पर्यावरण मंत्रालय की पाबंदी लागू थी। इसमें 90 नक्शे नगर पालिका मसूरी से पास कराए गए, जबकि 952 नक्शे वन विभाग की एनओसी के बाद एमडीडीए ने पास किए।
मसूरी में नोटिफाइड और अन-नोटिफाइड एस्टेट का सर्वे पूरा होने से पूर्व उन आवासीय और व्यावसायिक निर्माणों को लेकर चिंता बढ़ गई हैं जो सर्वे से सीधे प्रभावित होने जा रहे हैं। नगर पालिका मसूरी और एमडीडीए ने दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिए हैं।
फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट लागू होने के बाद मसूरी में 1042 आवासीय-व्यावसायिक निर्माण उन क्षेत्रों में हुए जहां पर्यावरण मंत्रालय की पाबंदी लागू थी। इसमें 90 नक्शे नगर पालिका मसूरी से पास कराए गए, जबकि 952 नक्शे वन विभाग की एनओसी के बाद एमडीडीए ने पास किए।
1995 तक यहां 1042 नक्शे पास कर आवासीय और गैर आवासीय निर्माण किए गए। 1995 में कोर्ट में याचिका दाखिल होने से किसी प्रकार के नक्शे पास करने पर रोक लगा दी गई। तब तक यहां 1042 नक्शे पास किए जा चुके थे। अब इन निर्माणों को लेकर मसूरी में सबसे बड़ी चिंता है। भवनस्वामियों का तर्क है कि नक्शे पास कराकर उन्होंने निर्माण कराए, उनकी कोई गलती नहीं है।
1980 में पाबंदी लागू होने के बाद जो 1042 नक्शे पास किए गए, उनमें भी 513 नक्शे नोटिफाइड एरिया हैं। इनके लिए बड़ी दिक्कत होने वाली है। पाबंदी के अनुसार अन-नोटिफाइड क्षेत्र में आवासीय निर्माण कर सकते हैं, लेकिन 100 वर्ग मीटर में दो मंजिल से अधिक बड़ा मकान नहीं बना सकते। वहीं बाद में काफी क्षेत्र को फ्रीज जोन भी घोषित कर दिया गया। इस क्षेत्र में मात्र 100 वर्ग मीटर पर आवासीय निर्माण कर सकते हैं।